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उत्तर प्रदेश की एक दिवसीय उप प्रादेशिक यात्रा मुज़फ़्फ़रनगर में संपन्न

उत्तर प्रदेश की एक दिवसीय उप प्रादेशिक यात्रा मुज़फ़्फ़रनगर में संपन्न

(‘ढाई आखर प्रेम’ राष्ट्रीय सांस्कृतिक पदयात्रा के दौरान अनेक प्रदेशों में अपने पूर्व निर्धारित यात्रा-तारीखों के अलावा भी यात्रा की जा रही है। उत्तर प्रदेश में यह सिलसिला लगातार जारी है। अपनी निर्धारित तारीखों 18 से 23 नवम्बर 2023 की पदयात्रा के अलावा 06 अक्टूबर रायबरेली, 21 अक्टूबर लखनऊ, 03 दिसंबर गोरखपुर, 12 दिसंबर लखनऊ के बाद 17 दिसंबर 2023 को पदयात्रा बस्ती शहर में आयोजित की गयी। उसके बाद 25 दिसंबर 2023 को मुज़फ़्फ़रनगर में दिन भर की यात्रा आयोजित की गयी। प्रस्तुत रिपोर्ट उत्तर प्रदेश इप्टा के महासचिव शहज़ाद रिज़वी ने साझा की है तथा फोटो खींचे हैं संजीव मलिक मासूम ने ।)

25 दिसंबर 2023 सोमवार

”आओ/ प्रेम और इंसाफ के लिए/ कुछ कदम साथ चले/ सर्द है/ दिसंबर का मौसम/ मगर हमारी नसों में/ दौड़ता लहू/ अभी ठंडा नहीं हुआ है” – चित्रा पंवार

उक्त गीतों की पंक्तियों को आत्मसात करते हुए उत्तर प्रदेश की उप प्रादेशिक सांस्कृतिक यात्रा की श्रृंखला के अंतर्गत कँपकँपाती ठंड, घने कोहरे और शीत लहर के बीच 25 दिसम्बर 2023 को इप्टा मुज़फ़्फ़रनगर द्वारा शहर में एक दिवसीय सांस्कृतिक यात्रा का आयोजन किया गया । राष्ट्रीय इप्टा के आवाहन पर अन्य जन संगठनों के सहयोग से केंद्र शासित प्रदेशों सहित देश के विभिन्न प्रांतो में निकाली जा रही ‘ढाई आखर प्रेम’ राष्ट्रीय सांस्कृतिक यात्रा (28 सितम्बर 2023 से 30 जनवरी 2024) की कड़ी में प्रदेश में लगातार की जा रही उप प्रादेशिक सांस्कृतिक यात्राओं में 25 दिसंबर को बारी थी, अपनेआप में एक समृद्ध विरासत को संजोए हुए बहुसांस्कृतिक एवं राजनीतिक रूप से अति संवेदनशील शहर मुज़फ़्फ़रनगर की ।

पदयात्रियों ने सर्व प्रथम शहर के हृदय स्थल शिव चौक स्थित महान वीरांगना रानी झांसी लक्ष्मी बाई की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किया । इस अवसर पर स्थानीय यात्रा संयोजक एवं मुज़फ़्फ़रनगर इप्टा के सचिव संजीव मलिक मासूम ने प्रतिमा स्थल पर उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए यात्रा के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह यात्रा समाज में व्याप्त घृणा और नफ़रत भरे दूषित वातावरण में आपसी सौहार्द , प्रेम और भाईचारा स्थापित करने के उद्देश्य से की जा रही है । एकता और समानता से ही हम एक बेहतर और ख़ुशहाल समाज का निर्माण कर सकते हैं । इस अवसर पर मुज़फ़्फ़रनगर इप्टा के साथियों ने *ले मशाले चल पड़ हैं लोग मेरे गाँव के* गीत प्रस्तुत किए ।

तदोपरांत जत्थे के साथियों की पदयात्रा नगर पालिका स्थित नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा की ओर अग्रसर हुई जहां पहुंचकर सभी साथियों ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और जनगीतों की प्रस्तुति की । इसके पश्चात जत्थे के पदयात्रियों ने पास ही स्थित किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की ।

पुनः यात्रा शहर के व्यस्त चौराहे बालाजी चौक से होते हुए सदर बाजार स्थित स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया । इसी क्रम में प्रतिमा स्थल परिसर में जन गीतों की प्रस्तुति की *एकता समानता शांति के लिए साथ जुड़ो, मिल के चलो मिल के चलो* और *लड़ते हुए सिपाही का गीति बनो रे* उसके बाद यह यात्रा अपने गंतव्य की ओर बढ़ते हुए मालवीय चौक पहुँच कर महामना मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

अपने अंतिम पड़ाव कारगिल शहीद वचन सिंह स्मारक पर पहुंच कर देश के अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और *तु जिंदा है तो जिन्दगी की जीत पर यकीन कर* जनगीत प्रस्तुत किये ।

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अंत में मुज़फ़्फ़रनगर इप्टा के अध्यक्ष वेद प्रकाश शर्मा ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया । सांस्कृतिक यात्रा में स्थानीय यात्रा संयोजक एवं इप्टा मुजफ्फर नगर के सचिव संजीव मलिक मासूम, इप्टा मुज़फ़्फ़रनगर के अध्यक्ष वेदप्रकाश शर्मा, स्फूर्ति कौशिक, शरद गौतम, नरेंद्र शर्मा, विशाल शर्मा, महेंद्र रावत, भीमसेन आदि मौजूद रहे ।

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