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उत्तर प्रदेश में एक दिनी पदयात्रा का सिलसिला जारी

उत्तर प्रदेश में एक दिनी पदयात्रा का सिलसिला जारी

(28 सितम्बर से 30 जनवरी 2024 तक चलने वाले राष्ट्रीय सांस्कृतिक जत्थे की पदयात्रा राज्य दर राज्य अनवरत जारी है। उत्तर प्रदेश में निर्धारित राष्ट्रीय समय सारिणी के अनुसार 18 नवम्बर से 23 नवम्बर 2023 तक पदयात्रा संपन्न होने के पहले और बाद में अनेक स्थानों पर एक दिवसीय उप यात्राओं का आयोजन किया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक लोगों तक प्रेम और सद्भाव का सन्देश बाँटा जा सके। इससे पहले तीन उप यात्राएँ की जा चुकी हैं। ‘ढाई आखर प्रेम’ की 2023 को पहली उप यात्रा 06 अक्टूबर को रायबरेली में, दूसरी उप यात्रा 21 अक्टूबर को लखनऊ में तथा तीसरी उप यात्रा गोरखपुर में 03 दिसंबर को संपन्न हो चुकी है। यह चौथी उप यात्रा है, जो 12 दिसंबर को लखनऊ में की गयी। रिपोर्ट और फोटो भेजे हैं उत्तर प्रदेश इप्टा के महासचिव शहज़ाद रिज़वी ने।)

राष्ट्रीय इप्टा एवं अन्य संगठनों के सहयोग से सामाजिक प्रेम, आपसी सौहार्द्र और एकता की भावना को लेकर देशव्यापी ‘ढाई आखर प्रेम’ राष्ट्रीय सांस्कृतिक यात्रा 28 सितंबर 2023 को भगत सिंह के जन्म दिवस पर राजस्थान के अलवर से प्रारंभ होकर देश के विभिन्न राज्यों यथा राजस्थान, पंजाब, बिहार, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और वर्तमान में झारखंड और फिर शेष अन्य प्रान्तों से गुजरती हुई 30 जनवरी 2024 को बापू के शहादत दिवस पर दिल्ली में अपनी इस यात्रा के अंतिम चरण को पूरा करेगी ।

इस कड़ी में उत्तर प्रदेश में उप यात्राओं का सिलसिला अभी भी जारी है। इसी क्रम में लखनऊ में एक दिवसीय उप प्रादेशिक सांस्कृतिक यात्रा का दूसरा चरण बड़े ही जोश और उत्साह के साथ 12 दिसंबर 2023 को संपन्न हुआ।

यात्रा का आरंभ उमेश कुशवाहा – अध्यक्ष वृंदावन विकास एवं जनकल्याण समिति के आवास पर आयोजित विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम व लोक गीतों से हुआ ।

जत्थे में शामिल साथी यात्रा का आवाहन गीत ‘ढाई आखर प्रेम के हम पढ़ने और पढ़ाने आए हैं, हम भारत से नफरत का हर दाग़ मिटाने आए हैं’ , कबीर का पद – ‘मोरे सर से टली बला कबीरा भला हुआ’, ‘इंसान का इंसान से हो भाईचारा, यही पैगाम हमारा, यही पैगाम हमारा’ गाते-बजाते हुए अपने अगले पड़ाव सेंट बेसिल स्कूल पहुंचे, जहां पर बच्चों के बीच उरई से यात्रा में शामिल होने के लिए आए इप्टा की राष्ट्रीय समिति के सदस्य एवं लिटिल इप्टा उरई के संयोजक राज पप्पन और इप्टा उरई के अध्यक्ष देवेंद्र शुक्ला ने छात्रों और छात्राओं से कहानियों और गीतों के माध्यम से न सिर्फ संवाद स्थापित किया, अपितु उन्हें जातिगत, धार्मिक भेदभाव , ऊंच-नीच और छुआछूत जैसी भावनाओं से दूर, प्रेम, आपसी सद्भाव और भाईचारा से रहने का संकल्प दोहराया।

इसी अवसर पर लिटिल इप्टा लखनऊ के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत गीत – ‘हमें भी दिखा दो किताबों की दुनिया’ को खूब सराहा गया। कार्यक्रम के अंत में स्कूल के प्रबंधक अतुल श्रीवास्तव ने जत्थे में शामिल सभी यात्रियों के प्रति आभार व्यक्त किया ।

इसके उपरांत यह काफ़िला बाज़ारों , चौराहों और गलियों से गुजरता हुआ रानी अहिल्याबाई होलकर स्कूल पहुंचा । यहाँ पर लिटिल इप्टा लखनऊ के कलाकारों के अतिरिक्त स्कूल के बच्चों ने गीतों की प्रस्तुति की। स्कूल की प्रधानाचार्या पूनम पांडे एवं प्रबंधक राम कुमार पाल ने सभी का स्वागत व आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम और यात्राएं आज की सबसे बड़ी ज़रूरत हैं ।

यात्रा का अगला पड़ाव था गायत्री विद्या मंदिर जहां पर विद्यालय के प्रबंधक एवं प्रधानाचार्य राम रतन सहित विद्यालय के अध्यापक एवं अध्यापिकाओं ने पदयात्रियों का स्वागत किया इस अवसर पर स्कूल के छात्र व छात्राओं ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया । सहयोगी संगठन अपराजिता समूह की सदस्या मिठू राय ने जनगीतों की प्रस्तुति की ।

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तदोपरांत यह काफिला विभिन्न मार्गो से होता हुआ अपने अंतिम पड़ाव काल्विन पब्लिक स्कूल पहुंचा, जहां स्कूल के प्रांगण में सभी छात्र-छात्राएं एकत्रित होकर जत्थे का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। जत्थे के यात्रियों के स्कूल प्रांगण में प्रवेश करते ही, सभी ने करतल ध्वनि के साथ स्वागत किया। कार्यक्रम की शुरुआत लिटिल इप्टा लखनऊ के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत गीत ‘राजा हमार बड़ा झूठा, हम का करी’ से हुई इसी क्रम में स्कूल के छात्र एवं छात्राओं ने भी गीत प्रस्तुत किए इसके अतिरिक्त इप्टा की राष्ट्रीय समिति की सदस्या एवं वरिष्ठ रगमंच अभिनेत्री / निर्देशिका संघ्या रस्तोगी ने एकल नाट्य प्रस्तुति ‘मैं लड़की हूँ’ का मंचन किया। जिसकी सभी ने ख़ूब प्रशंसा की ।

कार्यक्रम के अंत में स्कूल के प्रबंधक पाण्डे ने सभी का स्वागत एवं स्वल्पाहार करा कर विदा किया। हम यात्रा के दौरान गांव गरीब गुरबा मज़दूर खेतिहर किसान से मिले आत्मीय प्रेम और सहयोग से जहाँ प्रसन्नचित और प्रफुल्लित हैं वहीं यात्रा मार्ग में पड़ने वाले स्कूलों के बच्चों की बड़ी संख्या में सहभागिता और उनकी प्रतिभा से काफ़ी उत्साहित हैं। इस यात्रा में हमने जो बीज रोपे हैं, उनके फूलने-फलने में निश्चित ही कुछ समय अवश्य लगेगा, लेकिन हमें पूरा विश्वास है कि प्रेम, भाईचारा और आपसी सौहार्द्र की यह फसल एक दिन अंकुरित और पल्लवित होकर ज़रूर लहलहाएगी ।

यात्रा में इप्टा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष राकेश वेदा, उत्तर प्रदेश इप्टा के राज्य महासचिव शहज़ाद रिज़वी, प्रांतीय संगठन मंत्री दीपक कबीर, उरई इप्टा के अध्यक्ष देवेंद्र शुक्ला, संयोजक लिटिल इप्टा उरई एवं राष्ट्रीय समिति के सदस्य राज पप्पन, इप्टा लखनऊ के अध्यक्ष राजेश श्रीवास्तव, संगठन मंत्री ऋषि श्रीवास्तव, इप्टा की राष्ट्रीय समिति के सदस्य प्रदीप घोष, ज्ञान चंद्र शुक्ला, संध्या रस्तोगी, ओम प्रकाश नदीम, क्षेत्रीय सचिव एवं संयोजिका, लिटिल इप्टा लखनऊ – श्रीमती सुमन श्रीवास्तव, गरिमा सिंह, शिवी सिंह, बबिता यादव, कविता यादव, पूजा प्रजापति और श्रीमती शीलम सिंह, सहयोगी संगठन अपराजिता से मिठू राय के अतिरिक्त स्थानीय कार्यक्रम संयोजक राजेश कुमार, आर बी संखवार आदि बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल रहे।

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