(पिछली कड़ी में बिहार राज्य की ‘ढाई आखर प्रेम’ पदयात्रा के सांस्कृतिक जत्थे के कुछ पदयात्रियों – शिवानी गुप्ता, पूजा कुमारी, तन्नू कुमारी, माया कुमारी, जादूगर मनोज, देवनारायण साहू, रितेश रंजन, उमेश साह, उज्ज्वल कुमार, धनंजय कुमार, राहुल कुमार यादव, सुबोध कुमार तथा अभिमन्यु कुमार के वीडियो क्लिप्स के माध्यम से उनके अनुभवों को हमने सुना। इस कड़ी में सुनते हैं – सत्येंद्र कुमार, एस एस हिमांशु, हरिश्चंद्र कुमार, अमन कुमार, मंसूर खां नादाँ, इंद्रभूषण रमन ‘बमबम’, शाकीब खान, अभिषेक कुमार झा, लक्ष्मी प्रसाद यादव, संजय कुमार, सत्येंद्र कुमार यादव, राजेंद्र प्रसाद राय, रंजीत कुमार राय तथा निसार अली की छोटी -छोटी वीडिओ-क्लिप्स के माध्यम से पदयात्रा सम्बन्धी उनके अनुभव तथा विचार जानते हैं।)
प्रगतिशील लेखक संघ बिहार राज्य के सचिव सत्येंद्र कुमार ने समूची पदयात्रा के रोज़-ब-रोज़ रिपोर्टिंग का जिम्मा बखूबी पूरा किया। वे यहाँ कह रहे हैं,
सहरसा इप्टा के साथी गायक एवं पदयात्रा के संयोजक एस एस हिमांशु की ज़बानी उनके अनुभव सुनते हैं,
सिवान इप्टा के युवा साथी हरिश्चंद्र कुमार ने कहा,
भागलपुर इप्टा के अमन कुमार, जो गायक साथी लक्ष्मी प्रसाद यादव को ढोलक पर साथ देते थे, उनकी अभिव्यक्ति,
हिंदी, उर्दू और मगही में लिखने वाले नवादा इप्टा से जुड़े मंसूर खां नादाँ ने अपनी मगही कविता सुनाते हुए बताया,
पदयात्रा के बीच और समापन के दिन विभिन्न पदयात्रियों से ये जो बातचीत की गयी है, उसमें कई पदयात्री छूट गए। पता नहीं, वे लोग साथी निसार अली, रितेश रंजन और शाकिब खान की उत्साही पहल से अपनेआप को बचा ले गए, या वे कहीं अन्यत्र व्यस्त रहे कि अपने निरीक्षणों और अनुभवों को साझा नहीं कर पाए। इनमें से तीन प्रमुख पदयात्री थे – इप्टा के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव, मधुबनी इप्टा के सबसे ज़्यादा पदयात्रियों को साथ लेकर चलनेवाले इंद्र भूषण रमन ‘बमबम’, बिहार इप्टा के संयुक्त सचिव पीयूष सिंह और समूची यात्रा के लिए फोटोग्राफी करने वाले दिनेश कुमार शर्मा।
इंद्रभूषण रमन ‘बमबम’ ग्रामीण महिलाओं से बातचीत करते हुए दिखाई देते हैं,
पटना इप्टा के संयुक्त सचिव शाकीब खान, जो लगातार सबसे संवाद स्थापित करने में विश्वास रखते थे, उन्होंने बताया,
मधुबनी इप्टा के अभिषेक कुमार झा,
सत्तर वर्ष के दमदार लोक गायक लक्ष्मी प्रसाद यादव भी बिहार की पूरी पदयात्रा में साथ रहे और हरेक पड़ाव पर अपनी गायकी से तमाम ग्रामवासियों को आकर्षित करते रहे। पिछली कड़ियों में इनके गीतों के वीडियो अपनी क्रान्तिकारी विरासत के प्रति संवेदनशील साथी, बिहार इप्टा के कार्यकारिणी सदस्य लक्ष्मी प्रसाद यादव का जज़्बा देखिये,
पटना इप्टा के युवा साथी संजय कुमार ने कहा,
छपरा इप्टा से जुड़े सत्येंद्र कुमार यादव का अनुभव कहता है,
दिघवारा इप्टा के बुजुर्ग साथी राजेंद्र प्रसाद राय ने समूची यात्रा में स्थानीय निवासियों से निरंतर बातचीत कर उनकी स्थिति जानी। राजेंद्र प्रसाद राय महात्मा गाँधी पर केंद्रित अपने गीत ‘खदिया पहिन के ओ बापू खदिया पहिन के, लिहल देसवा के अजदिया बापू खदिया पहिन के’ को बहुत मार्मिकता के साथ गाते हैं। पदयात्रा के दौरान जिन गाँवों में जत्था रुका, वहाँ की परिस्थितियों पर राजेंद्र जी कहते हैं,
मधुबनी इप्टा के साथी रंजीत कुमार राय का उत्साह भी काबिलेतारीफ़ है,
छत्तीसगढ़ की लोकनाट्य शैली नाचा-गम्मत के कलाकारों के साथ लगातार काम करने वाले साथी निसार अली ‘ढाई आखर प्रेम’ यात्राओं के पुराने यात्री रहे हैं। 1993 में उत्तर प्रदेश में की गयी यात्राओं में भी वे शामिल हुए थे। पिछले साल 09 अप्रेल से 22 मई 2022 तक पांच हिन्दीभाषी राज्यों की ‘ढाई आखर प्रेम’ यात्रा में वे अपने लोक कलाकारों को लेकर जगह-जगह नाट्य-प्रदर्शन करते रहे, उसी तरह इस पदयात्रा में भी वे राजस्थान में पाँचों दिन तथा बिहार में आठों दिन गाँव-गाँव, गली-गली में अपने गीतों, कविताओं तथा नाटक के माध्यम से शरीक़ रहे। साथ ही स्थानीय लोगों के साथ-साथ पदयात्रियों से भी सतत संवाद करते रहे। उन्होंने कहा,
इन पदयात्रियों के अलावा अन्य साथी जत्थे में शामिल थे – वीर आदित्य (मढ़ौरा इप्टा), राहुल कुमार यादव (गरखा इप्टा), रमेश मिस्त्री (उपाध्यक्ष बिहार इप्टा), हरिओम (बीहट इप्टा), विपिन कुमार (भागलपुर इप्टा), राजन कुमार (पटना इप्टा), पंकज श्रीवास्तव (अध्यक्ष, प्रगतिशील लेखक संघ डालटनगंज), अमर भाई, मंकेश्वर पांडेय, गिरीन्द्र मोहन ठाकुर और विनय कुमार सिंह (सामाजिक कार्यकर्ता मोतिहारी) भी शामिल थे।
बिहार एवं अन्य राज्यों के कुछ साथियों ने कुछ पड़ावों तक शिरकत की। इनमें हैं – राकेश वेदा (राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष इप्टा), नासिरुद्दीन (वरिष्ठ पत्रकार लखनऊ), शैलेन्द्र कुमार (राष्ट्रीय सचिव इप्टा), संजय सिन्हा (राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष इप्टा), फ़ीरोज़ अशरफ़ ख़ान (राष्ट्रीय सचिव तथा कार्यवाह महासचिव बिहार इप्टा), रंजीत गिरी, विजय भाई तथा हामिद रज़ा (तीनों सामाजिक कार्यकर्ता मोतिहारी)
अगली कड़ी में बिहार की ‘ढाई आखर प्रेम’ सांस्कृतिक पदयात्रा के विभिन्न पड़ावों के स्थानीय निवासियों के वीडिओज़ के माध्यम से पूर्वी चम्पारण क्षेत्र की एक झलक प्राप्त करेंगे। (क्रमशः)