(‘ढाई आखर प्रेम’ राष्ट्रीय सांस्कृतिक पदयात्रा अपने निर्धारित समयावधि के अतिरिक्त कुछ प्रदेशों में एक-एक दिन के लिए भी आयोजित की जा रही है। यह एक दिवसीय यात्रा अलग-अलग अंदरूनी गाँवों में की जा रही है, ताकि स्थानीय निवासियों के साथ आत्मीय प्रेम-संवाद किया जा सके। झारखण्ड में इसकी शुरुआत 05 जनवरी 2024 से हुई, इसकी रिपोर्ट, फोटो व वीडियो साझा किये हैं पलामू के साथी रवि ने।)
जीवन-संघर्षों को मजबूती प्रदान करता है प्रेम :
‘ढाई आखर प्रेम’ राष्ट्रीय सांस्कृतिक जत्था अब अपने अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ रहा है। लगभग 20 राज्यों में यह पदयात्रा गुजर चुकी है और 30 जनवरी 2024 को दिल्ली में समाप्त होगी। पदयात्रा का झारखंड पड़ाव “घाटशिला से जमशेदपुर” तक 07 से 13 दिसंबर 2023 तक सफलतापूर्वक आयोजित हुआ और हमने आदिवासी बहुल इलाके में अपने संदेश को आम जनमानस तक पहुँचाने का भरसक प्रयास किया है।
राष्ट्रीय समिति के आह्वान पर ढाई आखर प्रेमः राष्ट्रीय सांस्कृतिक जत्था का इकाई स्तरीय अभियान 1 से 26 जनवरी, 2024 तक आयोजित किया जाना है। इस अभियान के तहत इप्टा इकाई स्थानीय स्तर पर सांस्कृतिक, साहित्यिक और सामाजिक संगठनों के सामूहिक अभियान के रूप में एक-दो दिनों के लिए सांस्कृतिक अभिव्यक्ति कर रही हैं।
स्थानीय सांस्कृतिक-सामाजिक महत्व को चिन्हित करते हुए पदयात्रा की जा रही है और इसके अंतर्गत नाटक-गीत-संगीत-नृत्य, संवाद, चर्चा-विमर्श, काव्य पाठ / मुशायरा, आदि कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
साल की शुरुआत इप्टा की पलामू जिला इकाई शहीद रंगकर्मी सफ़दर हाशमी को याद करते हुए कर रही है।
और इसी कड़ी में सफ़दर के गीत/ नाटक/ जन-संवाद के साथ ढाई आखर प्रेम का संदेश लेकर इप्टा पलामू लोक कलाकारों के बीच जा रही है।
पलामू इप्टा के द्वारा सफदर हाशमी की याद में आयोजित सफदर हाशमी शहादत सप्ताह की कड़ी में एक दिवसीय ढाई आखर प्रेम की पदयात्रा रामगढ़ प्रखंड के बांसडीह खुर्द पंचायत में 05 जनवरी 2024 को की गई।
पदयात्रा के दौरान कलाकारों ने उलामन, कोकड़ू, बांसडीह खुर्द के उरांव टोला एवं मुस्लिम टोला में कार्यक्रम प्रस्तुत करते हुए सफदर हाशमी और राम बहादुर की शहादत को याद किया। साथ ही सफदर हाशमी द्वारा लिखित गीत ‘पढ़ना लिखना सीखो ओ मेहनत करने वालों’ के साथ कई गीत प्रस्तुत किये । गीतों के माध्यम से कलाकारों ने ग्रामीणों को आपसी भाईचारा और एकजुटता बनाए रखने की अपील की।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रेम प्रकाश ने कहा कि सुंदर दुनिया के निर्माण और श्रम शक्ति से जुड़े लोगों की बेहतरी के लिए प्रेम जरूरी है। प्रेम और आपसी भाईचारा ही वह सूत्र है जो जीवन की समस्याओं के समाधान का रास्ता दिखलाता है और संघर्ष को मजबूती प्रदान करता है।
नागरिक सहायता केंद्र के सुनीता देवी ने कहा कि ग्रामीणों को एकजुट होना जरूरी है। ग्रामीण एकजुट होकर ग्राम सभा में अपनी योजना अपने अनुसार बना सकते हैं। जानकारी के अभाव में सरकार की योजना का लाभ नहीं ले पाते। इसके लिए नागरिक सहायता केंद्र तमाम ग्रामीणों के सहयोग के लिए सक्रिय है।
उप मुखिया उषा देवी ने कहा कि कलाकारों का स्वागत किया और लोगों को प्रेम का संदेश दिया। इस यात्रा का नेतृत्व जिला सचिव रवि शंकर कर रहे थे।
पदयात्रा के दौरान इप्टा के शशि पांडे, अजीत कुमार, भोला, संजीव कुमार संजू, अनुभव मिश्रा, रवि शंकर एवं प्रेम प्रकाश के साथ संपूर्ण ग्राम विकास केंद्र के अनिल कुमार, मेवा सिंह, सुरेंद्र सिंह, कामेश्वर सिंह सहित अन्य ग्रामीण साथ-साथ चल रहे थे।