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उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक दिन की उप प्रादेशिक पदयात्रा

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक दिन की उप प्रादेशिक पदयात्रा

(‘ढाई आखर प्रेम’ राष्ट्रीय सांस्कृतिक पदयात्रा का विभिन्न राज्यों में तारीखवार कार्यक्रम पूर्व निर्धारित किया गया है, जिसके अनुसार यात्रा जारी है। परन्तु इसके साथ-साथ कई राज्यों में निर्धारित दिनों की यात्रा के अलावा राज्य के विभिन्न शहरों में भी एक दिन की पदयात्रा कर संस्कृतिकर्मियों और निवासियों से संपर्क किया जा रहा है। प्रेम और सद्भाव की आवश्यकता का अहसास पुख़्ता किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश एक ऐसा राज्य है, जिसने अपनी निर्धारित यात्रा-तिथि 18 से 23 नवम्बर 2023 के अलावा तीन बार पृथक-पृथक स्थानों पर एक-एक दिन की पदयात्रा की है। पहली एक दिनी पदयात्रा 06 अक्टूबर को रायबरेली में, दूसरी एक दिनी पदयात्रा 21 अक्टूबर को लखनऊ में और अब ये तीसरी एक दिनी पदयात्रा 03 दिसंबर को गोरखपुर में संपन्न हुई है। इप्टा के राज्य महासचिव शहज़ाद रिज़वी निरंतर इन यात्राओं की रिपोर्ट और फोटो उपलब्ध करवा रहे हैं। अपने प्रदेश को जानने के इस सांस्कृतिक अभियान को सलाम।)

‘ढाई आखर प्रेम’ राष्ट्रीय सांस्कृतिक यात्रा, जो 28 सितम्बर 2023 से 30 जनवरी 2024 तक चल रही है, उसकी कड़ी के रूप में उप प्रादेशिक सांस्कृतिक यात्रा उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में रविवार, 03 दिसंबर 2023 को संपन्न हुई।

हमन है इश्क मस्ताना, हमन को होशियारी क्या

रहें आज़ाद या जग में, हमन दुनिया से यारी क्या

कबीरा इश्क का माता, हुई को दूर कर दिल से

जो चलना राह नाज़ुक है, हमन सर बोझ भारी क्या॥

महान संत गुरु गोरखनाथ और अर्न्तराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त सूफ़ी संत हजरत रोशन अली शाह की कर्मभूमि, सांप्रदायिक एकता और सौहार्द्र की सरज़मीं गोरखपुर में कबीर के पद की इन पंक्तियों ने समा बाँध दिया । मौका था भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) के आवाहन पर निकाली जा रही देशव्यापी ‘ढाई आखर प्रेम’ राष्ट्रीय सांस्कृतिक यात्रा की कड़ी में इप्टा गोरखपुर और ढाई आखर प्रेम सांस्कृतिक यात्रा आयोजन समिति, गोरखपुर के संयुक्त तत्वावधान में निकाली गयी उप प्रादेशिक सांस्कृतिक पदयात्रा ।

सांस्कृतिक पदयात्रा का आरंभ विश्वविख्यात उर्दू शायर फ़िराक़ गोरखपुरी के आवास से हुआ । इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार एवं संस्कृतिकर्मी राघवेंद्र दुबे ‘भाऊ’ ने अपना उद्गार व्यक्त करते हुए बताया कि कबीर ने कहा था “ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होए”, मैं इसमें परिवर्द्धन करना चाहता हूँ ; जिस व्यक्ति में प्रेम की तहज़ीब , प्रेम का सलीका या प्रेम की सलाहियत और प्रेम को जीना आ गया, उसे मनुष्य होना भी मयस्सर हो गया । संस्कृतिकर्मी भाऊ के शब्दों में कहें तो यह पदयात्रा भावनात्मक स्तर पर ,जीवन मूल्यों के स्तर पर एक मुकम्मल मनुष्य की रचना का हिस्सा है।

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इसी क्रम में मशहूर भोजपुरी कवि एवं पूर्व कार्यक्रम अधिशासी आकाशवाणी, गोरखपुर रवीन्द्र श्रीवास्तव ‘जुगानी’ ने अपने संबोधन में कहा कि यह आयोजन ख़ासकर उस समय जब पारस्परिक संवादहीनता गहरी होती जा रही है और व्यक्ति – व्यक्ति से कटता जा रहा है , हर आदमी एक आइसोलेशन का शिकार होता जा रहा है, ऐसे में यह आयोजन बहुत ही सामयिक और ज़रूरी हो गया है, ताकि आदमी और आदमी के बीच एक भावनात्मक सहकार बन सके ।

तदोपरांत यह सांस्कृतिक यात्रा शहर के विभिन्न मोहल्लों, चौराहों से गुज़रती हुई अपने अंतिम पड़ाव कथा सम्राट प्रेमचंद पार्क पहुँची । जहाँ पर इप्टा के वरिष्ठ साथी एवं जन गायक शैलेंद्र निगम ने जन गीत और कबीर के पदों की अपनी शानदार गायकी से ऐसा समां बांध दिया कि माहौल जोश और उत्साह से लबरेज़ हो गया । इप्टा गोरखपुर के साथियों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों की समारोह स्थल पर उपस्थित लोगों ने भूरि-भूरि प्रशंसा की ।

उल्लेखनीय है कि यात्रा में चिन्हित पड़ाव अपनेआप में तमाम सांस्कृतिक व ऐतिहासिक स्मृतियों को समेटे हुए हैं, यथा, यात्रा की शुरुआत फिराक गोरखपुरी के आवास से सटी हुई रावत पाठशाला से हुई, जो उर्दू, अंग्रेजी और हिंदी के विश्व स्तर के कथाकार शायर फिराक गोरखपुरी और प्रेमचंद की प्रारंभिक शिक्षा स्थली रही। वहीं यात्रा का समापन वर्तमान में प्रेमचंद पार्क, जो अपने नौकरी के दिनों में प्रेमचंद का आवास रहा है, सिर्फ उनके अपने प्रवास के दिनों का सिर्फ़ एक रिहाइशगाह ही नहीं, बल्कि यहीं पर ‘ईदगाह’, ‘नमक का दरोगा’, ‘दो बैलों की जोड़ी’ आदि कालजयी कहानियों की रचना की गई।

यात्रा में इप्टा के क्षेत्रीय सचिव एवं स्थानीय यात्रा संयोजक डॉ. मुमताज़ ख़ान, वरिष्ठ पत्रकार राघवेंद्र दुबे ‘भाऊ’, प्रख्यात भोजपुरी कवि रविंद्र श्रीवास्तव ‘ जुगानी ‘, कवि एवं प्र ले स प्रांतीय मीडिया प्रभारी वीरेंद्र मिश्र ‘दीपक’, प्रांतीय सचिव प्र ले स कलीमुल हक, इप्टा की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य धर्मेंद्र नारायण दुबे ‘टाटा’, मुकेश श्रीवास्तव, शैलेंद्र निगम, प्रियंका दुबे, प्रीति प्रियांशी, कुसुम कुमारी, प्रभात सिंह, विनोद चंद्रेश, उमेश चंद्र मिश्र, रंजय कुमार दुबे, डॉ. अजय राय एवं भरत शर्मा आदि सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

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