हम

अजय और उषा आठले के लगभग 35 वर्षों के सहजीवन की रचनात्मक यात्रा का दस्तावेज़ प्रस्तुत करने की कोशिश है। इप्टा और प्रगतिशील लेखक संघ से जुड़े जुनूनी रंगकर्मी और संगठक के रूप में 1982 से 2020 तक हम साथ-साथ सक्रिय रहे।

इस मंच पर हम दोनों की लेखन-यात्रा को साझा करने की कोशिश है। कई संगठनात्मक लेख, कई सामाजिक-राजनैतिक-आर्थिक आयामों को समेटने वाले लेखों के अलावा विविध विषयों के लेख संकलित हैं। दूसरी ओर कविताएँ और अनूदित रचनाएँ तथा नाटक भी हैं। तीसरी ओर कुछ ऐसे संस्मरण भी शामिल हैं, जो ज़िंदगी के आसपास घटित हुए, जिनका प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष प्रभाव हम पर ताज़िंदगी रहा।

शायद आगे जाकर रंगकर्म और सामाजिक जीवन में हस्तक्षेप संबंधी गतिविधियों के दस्तावेज़ भी सहयात्री में शामिल हों। ये दस्तावेज़ दृश्य-श्रव्य या छायाचित्रों के माध्यम से भी हो सकते हैं